AABTAK KHABAR,16 SEPTEMBER,हावड़ा संवाददाता,हावड़ा: उद्योग के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस दिन विशेष तौर पर औजार, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, कारखानों, मोटर एवं लघु इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिला उद्योग के नाम से फेमस है जहां हर प्रकार के कारखाने मौजूद है। पहले विश्कर्मा पूजा आने के 1 हफ्ते पहले से ही पूजा का माहौल रहता था अब हावड़ा से उद्योग खत्म होता दिखता नजर आ रहा है पूरे हावड़ा जिला में कारखानों में बड़ी-बड़ी मूर्तियां रखी जाती थी गाजे बाजे के साथ विश्वकर्मा पूजा का उत्सव मनाया जाता था पर इस साल विश्वकर्मा पूजा की मोहन पूरा ही फीका पड़ गया है विश्वकर्मा मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार ने कहीं कहें हर साल की अपेक्षा इस साल काफी कम मूर्ति की बिक्री हुई है 2 साल कोरोना था कोरोना के समय में भी इस प्रकार की मंदा समय नहीं था उस समय भी हम लोगों ने कुछ कमाए थे पर इस साल जिस प्रकार की मूर्ति की बिक्री देख रहे हैं बड़ी मूर्ति तो कोई लेना ही नहीं चाहता छोटी मूर्ति की थोड़ी बहुत बिक्री हो रही है हमें समझ में नहीं आता इस साल हम घर के गहना, गुड़िया गिरवी रखें के व्यवसा में पैसा लगाए हैं आगे विश्वकर्मा बाबा ही जाने पहले अभी तक 80 से 100 मूर्ति का आर्डर आ जाता था पर अभी तक यह दोनों ही मूर्ति का आर्डर आया है हमें जैसे लग रहा है कल कारखाना हावड़ा से बंद हो चुका है नहीं तो मूर्ति की डिमांड रहती 40 साल से हम इस व्यवसाय में जुड़े हुए हैं इस प्रकार की मंडी अभी तक नहीं देखा।