कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता संशोधित नागरिक संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) विरोध को जारी रखा है।इसी बीच 10 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिनो के लिए बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं।इस बात को लेकर राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या राज्य मुख्समंत्री ममता बनर्जी उस दौरान अपना विरोध-प्रदर्शन बंद रख कर उनसे मिलेंगी या फिर अपना विरोध और तेज करेंगी।
प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 10 जनवरी को कोलकाता आएंगे और यहां दो दिन रहेंगे। उसी दौरान वे कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150 वीं वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लेंगे। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को पिछले साल अक्टूबर से कोलकाता आने का निमंत्रण दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से समय नहीं दिया गया। हालही में, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से हरी झंडी मिलने क बाद कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट प्रधानमंत्री की उपस्थिति में अपना 150 वें वर्ष का जश्न मनाने की तैयारी शुरू कर दी।
इस दौरान कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 वें स्थापना दिवस के जश्न में शामिल होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य में जनसभा को संबोधित करने की खबर है। सीएए और एनआरसी को ले कर विरोध तेज होने के बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी या केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह कोलकाता आएंगे औैर लोगों को एनआरसी और सीएए के बारे में विपक्ष की ओर से फैला जा रहे भ्रम को दूर करने और जनसभा कर लोगों को समझाने के लिए कोलकाता आएंगे।
ऐसे में राजनीतिक गलियारे में मुख्समंत्री ममता बनर्जी के रूख क्या होगा, इसको ले कर चर्चा तेज हो गई है कि प्रोटोकॉल को मानते हुए क्या ममता बनर्जी प्रधानमंत्री का स्वागत करने खुद जाएंगी या नहीं। सीएए और एनआरसी के विरोध में अपना विरोध जारी रखेंगी। इस बारे में अभी तक मुख्समंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा कोई जनकारी नही दी गई है।